Bihar New Bharti 2025: बिहार सरकार ने राज्य के युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। लंबे समय से अटकी हुई पुस्तकालयाध्यक्ष, लिपिक और परिचारी जैसे पदों पर अब जल्द ही नियुक्तियां शुरू होने जा रही हैं। नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस बहाली को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत कुल 15,000 पदों पर नियुक्ति की जाएगी। सरकार ने इसके लिए तीन नई नियमावलियों को भी स्वीकृति दे दी है, जिससे इन पदों पर बहाली की प्रक्रिया पारदर्शी और सुव्यवस्थित तरीके से की जा सके।
किन पदों पर होगी बहाली?
राज्य के विभिन्न स्कूलों में पुस्तकालयाध्यक्ष के करीब 6500 पद, विद्यालय लिपिक के 6421 पद और परिचारी के लगभग 2000 पदों पर नियुक्तियां होंगी। यह नियुक्तियां लंबे समय से लंबित थीं, लेकिन अब कैबिनेट की स्वीकृति के बाद रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। सबसे खास बात यह है कि पुस्तकालयाध्यक्ष की नियुक्ति लगभग 14 साल बाद हो रही है, इससे पहले साल 2011-12 में यह बहाली हुई थी।
कैसे होगी नियुक्ति? जानिए पूरा प्रोसेस
सरकार ने इन पदों पर बहाली के लिए तीन अलग-अलग नियमावलियों को मंजूरी दी है।
- बिहार विद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2025
- बिहार राज्य विद्यालय लिपिक (नियुक्ति, सेवाशर्त एवं अनुशासनिक कार्रवाई) संवर्ग नियमावली 2025
- बिहार राज्य विद्यालय परिचारी (नियुक्ति, सेवाशर्त एवं अनुशासनिक कार्रवाई) संवर्ग नियमावली 2025
पुस्तकालयाध्यक्ष की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के माध्यम से सीधी भर्ती के तहत की जाएगी। वहीं, लिपिक और परिचारी के पदों पर नियुक्ति दो हिस्सों में होगी—50 प्रतिशत पद अनुकंपा के आधार पर और 50 प्रतिशत पद लिखित परीक्षा के जरिए कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से भरे जाएंगे।
शैक्षणिक योग्यता और आरक्षण का लाभ
पुस्तकालयाध्यक्ष के पद पर आवेदन करने के लिए मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कम से कम 45% अंकों के साथ स्नातक की डिग्री अनिवार्य होगी। हालांकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग, दिव्यांग, महिला एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए न्यूनतम अंकों में 5% की छूट दी जाएगी।
स्थानांतरण और अनुकंपा नियम
पुस्तकालयाध्यक्ष का स्थानांतरण सामान्यतः जिला स्तर पर ही होगा, लेकिन विशेष परिस्थिति में माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अनुमति से अन्य जिलों में भी ट्रांसफर किया जा सकता है। इसके अलावा यदि किसी कर्मचारी की सेवा काल में मृत्यु हो जाती है, तो उनके आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर लिपिक या परिचारी के पद पर नियुक्त किया जा सकेगा।
लिपिक और परिचारी के पदों पर अनुकंपा के आधार पर बहाली की प्रक्रिया जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा की जाएगी। इन पदों के लिए राज्य के प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक, प्रोजेक्ट कन्या विद्यालयों और उत्क्रमित स्कूलों के कर्मचारी के निधन की स्थिति में आश्रितों को मौका मिलेगा।
कब शुरू होगी भर्ती प्रक्रिया?
हालांकि सरकार ने नियमावली को स्वीकृति दे दी है, लेकिन भर्ती प्रक्रिया के लिए संबंधित आयोगों द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया जाना बाकी है। माना जा रहा है कि आने वाले कुछ महीनों में इन पदों के लिए विज्ञापन जारी हो सकता है। ऐसे में इच्छुक उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी शैक्षणिक योग्यता और दस्तावेजों को तैयार रखें।
नौकरी की राह में उम्मीद की किरण
बिहार सरकार के इस फैसले से राज्य के हजारों युवाओं को सरकारी नौकरी का अवसर मिलेगा। खासकर उन लोगों के लिए यह एक सुनहरा मौका है जो लंबे समय से किसी स्थायी रोजगार की तलाश में हैं। साथ ही, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की व्यवस्था उन परिवारों के लिए बड़ी राहत साबित होगी जिनके घर के कमाऊ सदस्य की मृत्यु हो चुकी है।
अब देखना यह होगा कि सरकार इस प्रक्रिया को कितनी तेजी से आगे बढ़ाती है और कब तक युवाओं को नियुक्ति पत्र मिल पाता है। लेकिन फिलहाल इतना जरूर कहा जा सकता है कि बिहार में सरकारी नौकरी की राह एक बार फिर से खुल गई है।