UPI Payment News: UPI से पेमेंट लेने पर अब होगी कमाई, सरकार ने लिया बड़ा फैसला, जाने कैसे मिलेगा फायदा

UPI Payment News: भारत में डिजिटल पेमेंट का क्रेज दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) इस बदलाव का सबसे बड़ा चेहरा बन चुका है। आज भारत के कोने-कोने में लोग यूपीआई के जरिए आसानी से पेमेंट कर रहे हैं, चाहे वह शहर की बड़ी दुकान हो या गांव का छोटा सा ढाबा। इसी कड़ी में मोदी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है जिससे न सिर्फ डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा बल्कि छोटे व्यापारियों और यूजर्स को भी फायदा होगा। तो क्या है सरकार की यह योजना और कैसे मिलेगा इसका फायदा आईये जानते है।

यूपीआई ट्रांजैक्शन में भारत है नंबर वन

सबसे पहले बात करते हैं यूपीआई की ताकत की। एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर दिन औसतन 50 करोड़ यूपीआई ट्रांजैक्शन होते हैं। यानी हर दिन 500 मिलियन बार लोग अपने फोन से पेमेंट कर रहे हैं। साल 2024 तक भारत में करीब 35 करोड़ एक्टिव यूपीआई यूजर्स हो चुके हैं। यह आंकड़ा इतना बड़ा है कि चीन और अमेरिका जैसे देश भी भारत के आगे पीछे रह गए हैं। यूपीआई की यह सफलता भारत को टेक्नोलॉजी के मामले में दुनिया में सबसे आगे ले जा रही है।

क्या है सरकार का 1500 करोड़ का प्लान?

अब सवाल यह है कि सरकार का नया इंसेंटिव प्लान क्या है और यह कैसे काम करेगा? दरअसल, सरकार चाहती है कि डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल और बढ़े, खासकर छोटे शहरों और गांवों में। इसके लिए 1500 करोड़ रुपये की योजना शुरू की गई है जिसमें छोटे व्यापारियों को यूपीआई पेमेंट स्वीकार करने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस योजना के तहत मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) को फ्री कर दिया गया है। आसान शब्दों में कहें तो पहले दुकानदारों को डिजिटल पेमेंट लेने पर कुछ शुल्क देना पड़ता था लेकिन अब न सिर्फ यह शुल्क हटा दिया गया है बल्कि उन्हें हर ट्रांजैक्शन पर थोड़ा-सा बोनस भी मिलेगा।

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कैसे होगी UPI ट्रांजैक्शन से कमाई?

इस योजना के तहत अगर कोई ग्राहक 2000 रुपये तक का पेमेंट यूपीआई से करता है, तो दुकानदार को उसका 0.15% इंसेंटिव के तौर पर मिलेगा। उदाहरण के लिए, मान लीजिए आप किसी दुकान से 1000 रुपये का सामान खरीदते हैं और यूपीआई से पेमेंट करते हैं। इस स्थिति में दुकानदार को 1.5 रुपये का इंसेंटिव मिलेगा। यह राशि भले ही छोटी लगे लेकिन अगर दुकानदार दिनभर में सैकड़ों ट्रांजैक्शन करता है, तो यह उसके लिए अच्छी खासी कमाई बन सकती है। खास बात यह है कि यह योजना छोटे व्यापारियों को ध्यान में रखकर बनाई गई है जो गांवों और कस्बों में अपनी छोटी दुकानें चलाते हैं।

यूपीआई लेनदेन को लेकर सरकार का है बड़ा टारगेट

सरकार ने इस योजना के साथ एक बड़ा लक्ष्य भी रखा है। साल 2024-25 में 20,000 करोड़ रुपये के यूपीआई लेनदेन का लक्ष्य तय किया गया है। साथ ही, यह सुनिश्चित करने की कोशिश है कि यूपीआई का इस्तेमाल सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित न रहे, बल्कि ग्रामीण इलाकों तक भी पहुंचे। पहले भी सरकार ने डेबिट कार्ड और भीम यूपीआई पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट को शून्य किया था, और अब यह नया कदम डिजिटल इंडिया के सपने को और मजबूत करेगा।

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